आईवीआरआई के बंगलूरू परिसर में “वन हैल्थ ” अवसरों और चुनौतियों पर जी -20 तकनीकी कार्यशाला का आयोजन


बरेली , 30 अगस्त। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर के बंगलूरू परिसर में ”वन हैल्थ“ अवसरों और चुनौतियों पर जी-20 तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के माननीय महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) के सचिव डॉ. हिमांशु पाठक , संस्थान के निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त तथा बंगलूरू कैम्पस के प्रभारी डा. पल्लव चौधरी उपस्थित रहे। इस अवसर पर माननीय महानिदेशक ने परिसर की सभी अनुसंधान प्रयोगशालाओं का दौरा किया और वैज्ञानिकों और छात्रों के साथ बातचीत की।
इस अवसर पर संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने महानिदेशक को एफएमडी वैक्सीन रिसर्च एवं डवलपमेंट में आईवीआरआई, बेंगलुरु परिसर के योगदान और भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) के सहयोग से एफएमडी वैक्सीन और पीपीआर वैक्सीन के क्यूसी के माध्यम से राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रमों में भागीदारी के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने एनआईएफएमडी के सहयोग से थर्माेस्टेबल एफएमडीवी सेरोटाइप ओ वैक्सीन स्ट्रेन के मूल्यांकन और जीन डिसप्शन मार्कर ट्राइवलेंट एफएमडी वैक्सीन और सह-नैदानिक डायग्नोस्टिक्स जैसे विभिन्न अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों की जानकारी दी, जो राष्ट्रीय एफएमडी नियंत्रण कार्यक्रम में महत्वपूर्ण हैं।
माननीय महानिदेशक ने परिसर की सभी अनुसंधान प्रयोगशालाओं का दौरा किया और वैज्ञानिकों और छात्रों के साथ बातचीत की। डॉ. एच. जे. डेचम्मा ने खुरपका-मुहपका (एफएमडी) वैक्सीन वायरस की पैदावार बढ़ाने के लिए सेल लाइन के जीनोम संपादन के बारे में जानकारी दी।
वैक्सीन उत्पादन प्रयोगशाला के प्रभारी डा बी.पी श्रीनिवास ने किण्वनरों का उपयोग करके देश में एफएमडी वैक्सीन उत्पादन प्रौद्योगिकी में आईवीआरआई की अग्रणी भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एफएमडी वैक्सीन पोटेंसी टेस्टिंग और एफएमडी वैक्सीन के क्यूसी परीक्षण के लिए इन विट्रो असेस के लिए वैकल्पिक पशु मॉडल विकसित करने की हाल की पहलों पर प्रकाश डाला।
क्वालिटी कन्ट्रोल एण्ड क्वालिटी एश्युरैन्स प्रयोगशाला के प्रभारी डॉ. वी. भानुप्रताप ने भारत सरकार के डीएएचडी के राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत आईवीआरआई द्वारा किए गए वैक्सीन गुणवत्ता परीक्षण के बारे में जानकारी दी। महानिदेशक ने आईवीआरआई बेंगलुरु परिसर, विशेष रूप से एफएमडी वैक्सीन पर उन्नत शोध और भारत सरकार के डीएएचडी को प्रदान की गई वैक्सीन गुणवत्ता नियंत्रण सेवाओं की सराहना की। उन्होंने देश में कुल एफएमडी वैक्सीन आवश्यकता और वर्तमान उत्पादन क्षमता के बारे में जानकारी ली। आईसीएआर-आईवीआरआई के निदेशक ने एफएमडी टीका उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। महानिदेशक ने वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय महत्व के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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