आईवीआरआई में उद्योग-अकादमिक श्रृंखला की पांचवी बैठक का आयोजन


बरेली ,10 फरवरी। आईसीएआर- भारतीय पशु चिकित्‍सा अनुसंधान संस्‍थान, इज्जतनगर ने देश के विभिन्‍न उद्योगों के साथ उद्योग-अकादमिक श्रृंखला की शुरूआत की है। इसी कड़ी में उद्योग- स्टार्टअप्स- किसान उत्पादक संगठन- अकादमिक इंटरफेस मीट की पाँचवी बैठक का आयोजन कल हाइब्रिड मोड में किया गया जिसमें 37 उद्योग प्रतिनिधियों समेत कुल 90 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि हितधारकों को लाभ पहुचाने हेतु उद्योग और संस्थानों को साथ मिलकर कार्य करना होगा तथा हमें अपने शोध एवं उत्पाद उनकी जरूरतों के अनुसार कार्य करने होंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस तरह की आयोजनों से उद्योगों में अकादमिक संस्थानों के साथ मिलकर कार्य करने का विश्वास मिलेगा. डॉ दत्त ने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 91 से अधिक डिप्लोमा और प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम, एमएससी जैव प्रौद्योगिकी जैसे स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। संस्थान ने उद्योगों के साथ विभिन्न तकनीकियों के हस्तानान्तरण हेतु 156 अनुबंध किए हैं। इसके अलावा, 32 स्टार्टअप्स के साथ भी एमओयू किया गया है. उन्होने कहा कि उद्योगों तथा संस्थाओं के एक साथ कार्य करने से दोनों को लाभ होगा जहां संस्थान उद्योगों कि आवश्यकता अनुरूप शोध कार्य करेंगे वही संस्थान के छात्रों को उद्योगों में कार्य करने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि मौजूदा अकादमिक सत्र से ही लगभग 50 प्रतिशत शोधार्थियों को विभिन्न उद्योगों में अन्वेषण हेतु भेजा जायेगा. उन्होंने उद्योग जगत को अनुसंधान के अनुबंध, सहयोगी और पीपीपी मॉडल के रूप में संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्‍होंने उद्योग जगत के सभी प्रतिनिधियों का दिल से आभार व्‍यक्‍त किया और आशा व्‍यक्‍त की कि यह प्‍लेटफॉर्म बेहतर और मजबूत भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा डॉ. (श्रीमती) रूपसी तिवारी ने कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां संस्थान द्वारा तैयार प्रौद्योगिकियों की जानकारी विभिन्‍न उद्योगों को प्रदान कर उनके शीघ्र बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सकता है। डॉ तिवारी ने कहा कि उद्योगों ने आईवीआरआई द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों में अपनी गहरी रुचि व्यक्त की। विभिन्न कंपनियों जिनमे डायग्नोपेट वेटेरिनरी सर्विसेस ने संस्थान के पीसीआर, मोलिकुलर; सैंटी ऑर्गेनिक फ़ार्म्स प्राइवेट लिमिटेड ने पशुपालन संबंधी प्रौद्योगिकियाँ तथा अन्य कंपीनियों ने गोट मिल्क रिपलेसर, सुअर पालन प्रशिक्षण और एआई, वर्मीकम्पोस्टिंग, कम लागत वाला चारा उत्पादन और पशु का आवास, चारा और चारा पूरक उत्पादन में अपनी गहरी रुचि व्यक्त की। इसके अतिरिक्त 18 कंपनियों ने सार्वजनिक-निजी वित्त पोषित अनुसंधान में अपनी रुचि दिखाई तथा 17 उद्योगों कंपनियों ने आईवीआरआई में अपने उत्पादों के मानकीकरण करने की इच्छा व्यक्त की। 20 कंपनियों ने लेटरल फ्लो एसे किट, कैनाइन और फेलाइन रोगों के लिए रियल टाइम पीसीआर, प्रजनन तकनीक, बकरी उत्पादन, सुअर पालन, प्रोबायोटिक्स तथा फ़ीड सप्लीमेंट में आईवीआरआई के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान और उत्पाद विकास में अपनी रुचि दिखाई। इसके अतिरिक्त डायग्नोपेट वेटरनरी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, आईएनएफएएच, वीरबैक, ज़ेनेक्स एनिमल हेल्थ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सैंटी ऑर्गेनिक फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड ने यूजी/पीजी छात्रों को फ़ेलोशिप तथा चार कम्पनियों द्वारा संस्थान के यूजी/पीजी छात्रों के लिए ऑन-कैंपस भर्ती अभियान शुरू करने में इच्छा ब्यक्त की ।
तकनीकी सत्र में संस्थान के कोलकाता केंद्र के डॉ श्यामल नसकर ने ग्रामीण विकास स्तर की उद्यमिता और व्यावसायिक जुड़ाव- विभिन्न हितधारकों की भूमिका तथा आईवीआरआई के डॉ बबलू कुमार ने आईवीआरआई में स्टार्ट-अप और इन्क्यूबेशन कार्यक्रम तथा आईवीआरआई, इज्जतनगर के आईपी पोर्टफोलियो को डॉ. अनुज चौहान, प्रभारी, आईटीएमयू ने प्रस्तुत किया। तकनीकी सत्र के बाद उद्योग प्रतिनिधियों के साथ पैनल चर्चा हुई। उद्योग प्रतिनिधियों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर आईवीआरआई के विशेषज्ञों द्वारा द्वारा दिये गए और इस इंटरफ़ेस मीट के दौरान उभरे सभी बिंदुओं पर उद्योग प्रतिनिधियों के साथ आगामी भविष्य में फॉलो अप मीटिंग के शीघ्र आयोजन का लक्ष्य रखा गया।
कार्यक्रम का संचालन के आईवीआरआई डॉ. प्रेमांशु दंडपत द्वारा किया गया। बैठक में डॉ. एस.के. सिंह, संयुक्त निदेशक (शोध), डॉ. के.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक (केडराड); डॉ. एस.के. मेंदीरत्ता, संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक), कोलकाता केंद्र के प्रभारी डॉ अरनब सेन, डॉ. पल्लव चौधरी, संयुक्त निदेशक (बेंगलुरु),मुक्तेश्वर और बेंगलुरु परिसरों के प्रभारी, आईवीआरआई के डॉ शुभाशीष बंधोपाध्याय, डॉ मिराज खान, डॉ ज्ञानेन्द्र सिंह, डॉ. अखिलेश कुमार, डॉ रोहित तथा डॉ अजय यादव के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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