ट्रेन में ये 5 सामान ले जाने मना, पकड़े जाने पर जेल-जुर्माना दोनों देना पड़ता, सख्त है रेलवे का यह कानून

भारत में रेल यातायात का सस्ता और सुलभ साधन है इसलिए रोजाना लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. यात्रा के दौरान लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो इसलिए रेलवे ने कई नियम बनाए हैं. इन नियमों के तहत कुछ सामानों को ट्रेन में नहीं ले जाया जा सकता है. हालांकि, ज्यादातर यात्रियों को इसकी जानकारी नहीं होती है.

आमतौर पर यात्रियों को यह मालूम होता है कि ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ जैसे- पेट्रोल-डीजल और केरोसीन लेकर यात्रा नहीं कर सकते हैं. लेकिन, इसके अलावा पटाखे, खाली और भरे गैस सिलेंडर, सिगरेट और बारूद ले जाना सख्त मना है.

रेलवे ने आगे कहा कि यात्रियों को ट्रेन के डिब्बे या स्टेशन पर सिगरेट पीना मना है. इसके अलावा ऐसा कोई संक्षारक पदार्थ, जो आग लगने का कारण बने, उसे सफर के दौरान ट्रेन में नहीं ले जाया जा सकता है.

इसके अलावा ट्रेन में मृत मुर्गी और खतरनाक केमिकल साथ में लेकर यात्रा करना मना है. इसके अलावा लगेज के तौर पर एक निश्चित सीमा तक सामान ले जाना ट्रेन में मुफ़्त है, लेकिन तय लिमिट से ज्यादा सूटकेस व सामान नहीं ले जाया जा सकता है. रेलवे ने इसे लेकर कुछ नियम बनाए हैं. वहीं, यात्रा के दौरान कोई मुसाफिर स्कूटर और साइकिल जैसा वाहन भी नहीं ले जा सकता है.

यूके के केंसिंग्टन के एक परिवार ने एक नौकरी ऑफर की है. इस जॉब पोस्ट को साझा करते हुए पर‍िवार को एक फुलटाइम डॉग कई लोगों को डॉग्स पालने का शौक होता है और वे अक्सर सफर के दौरान भी उन्हें लेकर जाते हैं. लेकिन, रेलवे के एसी स्लीपर कोच, एसीसी चेयर कार कोच स्लीपर क्लास और द्वितीय श्रेणी कोच में कुत्तों को ले जाने की अनुमति नहीं है. यदि कोई यात्री यह नियम तोड़ा है तो उसे तुरंत ब्रेक-वैन से हटा दिया जाएगा. इसके अलावा लगैज स्केल रेट के हिसाब से 6 गुना शुल्क वसूला जाएगा.

ट्रेनों में ज्वलनशील सामग्री ले जाना रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 164 के तहत दंडनीय अपराध है, जहां अपराधी को रेलवे अधिनियम की धारा 165 के तहत 3 साल तक की जेल या 1,000 रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

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