बिपारजॉय गुजरात तट से 170 किमी दूर, NDRF-सेना मुस्तैद

कच्छ: महातूफान बिपरजॉय का खतरा गुजरात पर सबसे ज्यादा मंडरा रहा है. राज्य के तटीय क्षेत्रों में दो से तीन मीटर ऊंची लहरें उठ रही हैं. तूफान गुजरात से अभी करीब 170 किलोमीटर दूर है, जो रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. तूफान की असर से गुजरात के कच्छ, मांडवी समेत कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. मौसम विभाग की मानें तो ये तूफान काफी शक्तिशाली है. कच्छ के जखाऊ पोर्ट से टकराने के बाद ये तूफान काफी तबाही मचा सकता है. गुजरात के अलावा मुंबई में भी तूफान के असर से समंदर में उफान देखने को मिल रहा है. ऊंची-ऊंची लहरें डरा रही हैं. साथ ही तेज हवाएं चल रही हैं.

इसकी रफ्तार पहले 115-125 किमी प्रतिघंटा थी, जो कि बढ़कर अब 140 हो गई है। यह गुजरात तट से 170 किलोमीटर से भी कम दूरी पर है। भारी बारिश होने की आशंका के मद्देनजर संवेदनशील इलाकों से 74,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ इसके जखौ बंदरगाह के पास टकराने का अनुमान है।

वहीं, आईएमडी ने कहा कि अगले पांच दिनों तक देश के कई इलाकों में भारी बारिश के आसार हैं। मेघालय में 15 और 16 जून को बारिश हो सकती है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल और सिक्क्म के साथ-साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अगले चार दिनों तक जोरदार बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 15 जून को ओले गिरने की प्रबल संभावना है। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान में राजस्थान के कुछ इलाकों में 16 और 17 जून को रुक-रुक कर बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा देश के बाकी हिस्सों में मौसम में कोई खास बदलाव की बात नहीं कही गई है।

बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश में अगले पांच दिनों तक लू की स्थिति बनी रहेगी। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले पांच दिनों तक गुजरात में तूफान के कारण तापमान में 5-6 डिग्री तक कमी दर्ज की जा सकती है। वहीं, उत्तर प्रदेश को छोड़कर उत्तर-पश्चिम भारत में 2-4 डिग्री तक पारा गिरेगा।

बिपरजॉय जब गुजरात के तट से टकराएगा तो उस वक्त 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक, समंदर तट से टकराने से पहले बिपरजॉय थोड़ा कमजोर हो सकता है लेकिन इसमें तबाही मचाने की क्षमता बनी हुई है. लैंडफॉल से पहले चक्रवात बिपरजॉय का असर गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर में सबसे अधिक दिखाई दे रहा है.

आईएमडी ने कहा कि कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर में 15 जून को अधिकतर इलाकों में छिटपुट जबकि निकटतम इलाकों में अत्यधिक वर्षा होने की संभावना है. वहीं, मुंबई में भी समंदर की लहरों ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. मैरिन ड्राइव पर हाई टाइड की स्थिति है. वहीं, जुहू बीच पर एहतियातन लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है.

गुजरात में 74,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

चक्रवात बिपरजॉय के टकराने की संभावना को देखते हुए राज्य प्रशासन ने एहतियात के तौर पर तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित कर दिया है. अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300 लोगों को निकाला गया, इसके बाद जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर जिले में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को निकाला गया. इसी के साथ गुजरात के दो सबसे प्रसिद्ध मंदिर – देवभूमि द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर और गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर गुरुवार को भक्तों के लिए बंद रहेंगे. इन क्षेत्रों में मौसम विभाग ने तेज बारिश की चेतावनी जाहिर की है.

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