‘मन की बात’ के लिए दूल्हे ने टाल दीं शादी की रस्में, कहा- कैसे मिस कर देता 100वां एपिसोड

नई दिल्ली: राजस्थान के भीलवाड़ा में अजब-गजब वाक्या हुआ है. यहां पर दूल्‍हे ने शादी से पहले वैवाहिक कार्यक्रम के बीच एक मांग रखी कि वहां मौजूद लोग हैरान रह गए. दूल्हा ने मांग थी कि रस्मों से पहले प्रधानमंत्री मोदी की ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सुना जाए. दूल्हे की इस मांग को पूरा किया गया और तुरंत ही बड़ी सी एलईडी स्क्रीन की व्‍यवस्‍था की गई. फिर शादी में आए सभी लोगों और दूल्‍हा-दुल्‍हन ने पीएम के मन की बात को सुना. इसके बाद शादी की बची हुई रस्मों को निभाया गया.

दरअसल, भीलवाड़ा के एक निजी रिसोर्ट में पोरवाल परिवार का वैवाहिक कार्यक्रम चल रहा था. इसी दौरान दूल्हे ऋषभ ने शादी की रस्‍मों के बीच शर्त रखी कि रस्मों को रोक दिया जाए और पीएम मोदी की ‘मन की बात’ को सुना जाए.

ऋषभ की इस मांग को सुनकर पहले तो सभी लोग हैरान रह गए. इसके बाद तुरंत ही बड़ी सी एलईडी स्क्रीन का इंतजाम किया गया और फिर परिवार और रिश्तेदारों सहित सभी लोगों ने पीएम मोदी की मन की बात कार्यक्रम को सुना.

जब पीएम मोदी का मन की बात कार्यक्रम समाप्त हुआ, इसके बाद बाकी की रस्मों भी पूरा किया गया. ऋषभ का कहना है कि पीएम मोदी के मन की बात वाला कार्यक्रम वह पहले एपिसोड से सुनता आ रहा है. उसने आजतक एक भी एपिसोड मिस नहीं किया है. आज 100वां एपिसोड था और शादी की रस्में भी आज निभाई जा रही थीं. मन की बात का 100वां एपिसोड मिस नहीं करना चाहता था. इसलिए फिर एलईडी की व्यवस्था की गई और फिर सभी ने मन की बात कार्यक्रम को सुना.

वहीं, ऋषभ की दुल्हन ने मन की बात कार्यक्रम को लेकर कहा कि इस कार्यक्रम से पीएम की बात हर किसी के पास पहुंचती है. लोग उनकी बातों को फॉलो भी करते हैं. मुझे भी मन की बात सुनकर बहुच अच्छा लगा है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100 एपिसोड पूरे हो गए हैं. ‘मन की बात’ के लाइव प्रसारण के लिए देशभर में बूथ स्तर पर चार लाख सेंटर बनाए गए थे. ‘मन की बात’ के दौरान पीएम ने चरैवेति चरैवेति चरैवेति यानी चलते रहो-चलते रहो-चलते रहो की बात कही. उन्होंने कहा कि आज हम इसी चरैवेति चरैवेति की भावना के साथ ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड पूरा कर रहे हैं. हर एपिसोड में देशवासियों के सेवा और सामर्थ्य ने दूसरों को प्रेरणा दी है.

पीएम मोदी ने कहा कि एक तरह से ‘मन की बात’ का हर एपिसोड अगले एपिसोड के लिए जमीन तैयार करता है. ‘मन की बात’ हमेशा सद्भावना, सेवा-भावना और कर्तव्य-भावना से ही आगे बढ़ा है. -मेरा अटूट विश्वास है कि सामूहिक प्रयास से बड़े से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है. इस साल हम जहां आजादी के अमृतकाल में आगे बढ़ रहे हैं. वहीं जी-20 की अध्यक्षता भी कर रहे हैं. यह भी एक वजह है कि एजुकेशन के साथ-साथ डाइवर्स ग्लोबल कल्चर्स को समृद्ध करने के लिए हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है.

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