72 घंटे में 70 मिमी बारिश… यूपी में टूटा 12 साल का रिकॉर्ड; अभी और बरसेंगे बदरा

बरेली| बरेली में तीन दिनों में हुई 70 मिलीमीटर बारिश ने 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पिछले 12 वर्षों में सितंबर के शुरुआती 10 दिनों में इतनी बारिश नहीं हुई। अभी तीन दिन और झमाझम बारिश के आसार हैं। इसके बाद भी अनुकूल माहौल बने रहने पर खंडवर्षा की संभावना है।

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विशेषज्ञ अतुल कुमार के मुताबिक भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में अलनीनो कमजोर स्थिति में है लेकिन हिंद महासागर में स्थितियां सकारात्मक है। इन महासागरों से उठ रही हवा पहाड़ों से सटे मैदानी इलाकों में मानसून को सक्रिय बनाए हुए हैं। लिहाजा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश के अनुकूल परिस्थितियां बनीं।

बरेली में सितंबर के शुरुआती पांच दिन उच्च वायुदाब की स्थिति होने से पश्चिमी विक्षोभ घिरने के बावजूद सक्रिय नहीं हो रहा था। पांच सितंबर की रात 11 बजे के बाद पश्चिमी विक्षोभ 30 डिग्री के नीचे पहुंचने पर बारिश के अनुकूल परिस्थितियां बनीं और बारिश हुई। सक्रियता बढ़ने से सात सितंबर से फिर बारिश का सिलसिला शुरू हुआ। रुहेलखंड क्षेत्र में अबकी साल सितंबर में सामान्य से 12 फीसदी ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान है।

साल 2011 में नौ सितंबर को 12.2 मिमी, 2014 में सात सितंबर को 38.9 मिमी बारिश हुई थी, जो सामान्य स्तर से करीब 18 फीसदी कम रही।

सितंबर के शुरुआती दस दिनों में झमाझम बारिश के बाद इस साल औसत अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। बीते वर्षों में इन्हीं दिनों में अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। गर्मी से लोग बेहाल हुए थे।

तीन दिनों से हो रही बारिश से तापमान सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस नीचे जा पहुंचा है। लिहाजा, हल्की ठंड का एहसास होने लगा है। अब घरों में एसी, कूलर भी बंद होने लगे हैं। हवा में नमी का स्तर भी सौ फीसदी दर्ज हो रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) भी 60 दर्ज हुआ। त्वचा रोग विशेष डॉ. त्रिभुवन प्रसाद के मुताबिक बारिश और बादल की वजह से पराबैंगनी किरणों की मार कम रही।

लगातार हो रही बारिश से खेतों में जलभराव होने से फसलों को नुकसान होने की आशंका है। धान की अगैती फसल वाले किसानों को जलनिकासी की व्यवस्था करने का सुझाव दिया है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. रंजीत कुमार के मुताबिक अगैती धान में बालियां निकलने लगी हैं। बारिश होने से फूल झड़ने, दागी होने की आशंका है। तिल, मूंगफली, सब्जी की फसल भी प्रभावित हो सकती है।

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