Whatsapp को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, प्राइवेसी पॉलिसी अखबार में विज्ञापन देकर बताएं

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इस सुनवाई के दौरान बुधवार को कोर्ट ने व्हाट्सएप को निर्देश दिया है कि वह अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर अखबार में फुल पेज विज्ञापन दे और स्पष्ट तौर पर इसके बारे में लोगों को जानकारी दे। कोर्ट ने कहा कि कम से कम पांच राष्ट्रीय अखबारों में कंपनी यह विज्ञापन दे और प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में लोगों को जानकारी दे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पांच अखबारों में फुल पेज विज्ञापन कम से कम दो बार देकर लोगों को स्पष्ट तौर पर अपनी प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में बताएं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती दी गई थी। इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि संसद के इस बजट सत्र में इसको लेकर एक नया विधेयक पेश किया जाएगा। जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रवि की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की।

इस मामले की सुनवाई के दौरान मंगलवार को कोर्ट ने कहा था कि संसद में इसको लेकर जब बिल पास होगा तो उसके बाद इस मामले पर कोर्ट फिर से सुनवाई करने के लिए तैयार है। बता दें कि व्हाट्सएप की ओर से कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने कहा इस मामले की सुनवाई बिल पेश होने के बाद फिर से होनी चाहिए। माना जा रहा है कि बजट सत्र के दूसरे चरण में इस बिल के पेश किया जा सकता है। जोकि 12 मार्च से शुरू होगा। मौजूदा सत्र 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ 31 जनवरी को शुरू हुआ है।

व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी नीति की बात करें तो यह 2021 में लाई गई है। इसकी नई शर्तों के अनुसार आप व्हाट्सएप पर जो भी कंटेंट अपलोड करते हैं या फिर रिसीव करते हैं कंपनी उसका भी इस्तेमाल कर सकती है। दरअसल व्हाट्सएप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में साफ तौर पर कहा कि वह अपने डेटा को पैरेंट कंपनी फेसबुक के साथ साझा करती है और इसका इस्तेमाल करके पैसा कमा सकती है। कंपनी की इसी प्राइवेसी पॉलिसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

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