गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से काँग्रेस को छत्तीसगढ़ मे और नुकसान की उम्मीद

 

रायपुर/उदयपुर; 12 फरवरी 2024: भारत की सबसे पुरानी और बड़ी पार्टी काँग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर इस समय ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का धुन सवार हुआ है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की इस न्याय यात्रा का उद्देश्य भारत में भुखमरी, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली के साथ-साथ सांप्रदायिक विद्वेष के दौर में लोगों के जख्मों में मरहम लगाने का है। लेकिन इस पदयात्रा से न्याय का दावा करने वाले इन राजनीतिक दौरों से क्या वाकई में लोगों की भुखमरी मिट जाएगी, महंगाई से लोगों को निजात मिल जाएगी और इससे भी सबसे ज्यादा जरूरी बेरोजगारी खत्म हो जाएगी ? अगर हम हालही में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव की बात करें तो पिछले साल भी राहुल गांधी ने राजस्थान और मध्यप्रदेश में अपनी भारत जोड़ों यात्रा की थी नतीजा इन राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ में भी काँग्रेस की आबकी बार 75 पार के नारे को यहां की जनता ने फिसड्डी साबित कर दिया और केवल 35 सीटों में ही सिमट कर रह गई। वहीं सरगुजा संभाग के सभी 14 सीटों में काँग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया। यहां तक की अंबिकापुर विधानसभा की जनता ने सालों से काँग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले सीट में भी इस बार कमल खिला दिया। कहा जा रहा है की तत्कालीन मुख्यमंत्री और नगरीय निकाय मंत्री की साझेदारी और उनकी गुटबाजी ने तत्कालीन उप मुख्यमंत्री की विधायकी छीन ली है। लेकिन असल कारण गुटबाजी नहीं बल्कि जिले के आदिवासी क्षेत्रों में बेरोजगारी का बड़ा मुद्दा है

दरअसल काँग्रेस के कद्दावर नेता और सरगुजा के महाराज टी एस सिंहदेव की जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाके उदयपुर सीट में सबसे ज्यादा पकड़ थी जहां से सबसे ज्यादा एक तरफा वोट सिर्फ महाराज जी को ही पड़ता था। लेकिन इस बार उदयपुर की जनता ने काँग्रेस पार्टी की उनके रोजगार विरोधी मुद्दों को अनदेखा करने के लिए एक बड़ा सबक तो सीखाया ही है इसके साथ साथ पूरे संभाग की 14 सीटों में से एक भी सीट में काँग्रेस ने बहुमत हासिल न कर पाना भी कहीं न कहीं जनता की विकास के मुद्दे पर एक गहरी सोच को दर्शाती है। वहीं अब अगर लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी की जीत उसकी पिछली मुद्दों से सीख लेकर ही चुनाव में अपनी रणनीति बनाकर चलने की लगती है। यही वजह है कि बीजेपी भारत में अधिकतम राज्यों में अपना भगवा रंग लहरा चुकी है जबकि काँग्रेस जिस मुद्दे की वजह से सरगुजा की 14 सीटों पर हारी थी अब लोकसभा चुनाव के समय फिर से वही मुद्दा उठाने की गलती दोबारा दोहरा रही है।

बीजेपी और कांग्रेस में यही फर्क है। कांग्रेस अपनी हार से सीखती नहीं। विधानसभा के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी यह दाव उलटा पड़ने के आसार दिखने लगे हैं। कारण काँग्रेस एक बार फिर अपनी पुरानी मॉडल रूपी रणनीति को एक नया नाम ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ देकर भ्रमण की शुरुआत की है। इस साल 14 जनवरी 2024 को मणीपुर से मुंबई तक के लिए शुरू हुई यह न्याय यात्रा 67 दिनों में 110 जिलों से गुजरते हुये कुल 6700 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेगी। वहीं छत्तीसगढ़ में यह यात्रा 5 दिनों तक राज्य के 7 जिलों में कुल 536 किलोमीटर से होकर गुजरेगी तथा राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में पैदल चलेंगे। यात्रा में गुरुवार को रायगढ़ पहुंचे राहुल गांधी अपने पूरे समय वे सिर्फ प्रधानमंत्री और एक कॉर्पोरेट को कोसते नजर आते हैं। राहुल का पूरा भाषण प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को व्यक्तिगत कटाक्ष पर ही केंद्रित है। उनके पूरे भाषण में राहुल कही भी ना तो गरीबी, ना तो बेरोजगारी और ना तो किसानों के लिए बात करते दिख रहे हैं। वे सिर्फ मोदी की जाती पर ही बोलते नजर आ रहे हैं। इससे जनता ने भी हंस कर प्रधानमंत्री का नहीं बल्कि खुद राहुल का माखौल उड़ाने में लगी थी।

इन सब में सच्चाई यही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस दूरदर्शिता से भारत की विश्व में तीसरी अर्थव्यवस्था के साथ वर्ष 2047 तक 5 बिलियन डॉलर के विकसित भारत के लक्ष्य की ओर अपना कदम बढ़ा रहा है। वहीं इन कॉर्पोरेट द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था में खरबों रुपये के राजस्व जमा कराने से सम्पूर्ण देश में जबरदस्त अधोसंरचनाओं का जाल फैल रहा है जो कि राहुल गांधी की बस की बात भी नहीं है। इस घड़ी में राहुल गांधी की इस तरह की यात्रा उनके द्वारा खड़ा किये गए मुद्दों जैसे देश, विकास और रोजगार विरोधी आंदोलन तथा फिजूल के मनगढ़ंत बातों से जनता को बहलाने की कोशिश मात्र है। लेकिन राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि भारत की जनता अब जागरूक हो चुकी है और वह यह सब जानती है की कौन उन्हें झूठा पाठ पढ़ा रहा है और कौन उन्हें विकास के मुद्दों से भटकाने का प्रयास कर रहा है जिसका फैसला वो हर पाँच साल में अपना वोट देकर सुनाती है। क्यूंकि राहुल जी यह पब्लिक है सब जानती है!

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