चेन्नई सुपरकिंग्स के नौ फाइनल की कहानी, महेंद्र सिंह धोनी की टीम किससे हारी और किसके खिलाफ जीती

नई दिल्ली. चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम आईपीएल में 10वीं बार फाइनल खेलने के लिए तैयार है। टूर्नामेंट के 16वें सीजन के खिताबी मुकाबले में उसका सामना गत विजेता गुजरात टाइटंस से होगा। चार बार की चैंपियन टीम चेन्नई पांचवें खिताब के लिए रविवार को उतरेगी। वहीं, गुजरात की नजर लगातार दूसरी बार ट्रॉफी उठाने पर होगी। चेन्नई इससे पहले नौ बार फाइनल खेली है। उसे चार बार जीत मिली तो पांच मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा। हम आपको चेन्नई के नौ फाइनल के बारे में विस्तार से बता रहे हैं…

2008: आईपीएल के पहले सीजन में चेन्नई और राजस्थान रॉयल्स की टीम फाइनल में पहुंची। महेंद्र सिंह धोनी के सामने दिग्गज शेन वॉर्न थे। वॉर्न ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। चेन्नई ने 20 ओवर में पांच विकेट पर 163 रन बनाए। सुरेश रैना ने 63, पार्थिव पटेल ने 38 और धोनी ने नाबाद 23 रन बनाए। यूसुफ पठान ने तीन विकेट लिए। राजस्थान ने 164 रन के लक्ष्य को आखिरी गेंद पर हासिल कर लिया। गेंदबाजी के बाद पठान ने बल्लेबाजी में कमाल किया और 56 रन बनाए। राजस्थान को अंतिम ओवर में आठ रन बनाने थे। शेन वॉर्न और सोहैल तनवीर ने लक्ष्मीपति बालाजी की गेंद पर जरूरी रन बना लिए। वॉर्न ने एक अंडरडॉग टीम को अपनी कप्तानी में चैंपियन बना दिया।

2010: आईपीएल के तीसरे संस्करण में चेन्नई की टीम एक बार फिर से फाइनल में पहुंची। इस बार उसके सामने सचिन तेंदुलकर की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस थी। धोनी ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी। चेन्नई ने 20 ओवर में पांच विकेट पर 168 रन बनाए। सुरेश रैना ने नाबाद 57 और धोनी ने 22 रन बनाए। दिलहारा फर्नांडो को दो सफलता मिली। जवाब में मुंबई की टीम 20 ओवर में नौ विकेट पर 146 रन ही बना सकी। सचिन ने सर्वाधिक 48 रन बनाए, लेकिन वह टीम को जीत नहीं दिला पाए। रविचंद्रन अश्विन, डग बोलिंजर, एल्बी मोर्कल, मुथैया मुरलीधरन, शादाब जकाती और सुरेश रैना की बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर चेन्नई की टीम पहली बार चैंपियन बन गई।

2011: चेन्नई लगातार दूसरी बार और कुल तीसरी बार फाइनल में पहुंची। इस बार उसके सामने डेनियल विटोरी की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) थी। धोनी ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी। चेन्नई ने पहली बार फाइनल में 200 रन का आंकड़ा पार किया। उसने 20 ओवर में पांच विकेट पर 205 रन बनाए। मुरली विजय ने 95 और माइकल हसी ने 63 रन बनाए। जवाब में आरसीबी की टीम 20 ओवर में आठ विकेट पर 147 रन ही बना सकी। सौरभ तिवारी ने 42 और विराट कोहली ने 35 रन बनाए। अश्विन ने तीन और शादाब जकाती ने दो विकेट लेकर चेन्नई को जीत दिला दी। धोनी को दूसरी बार ट्रॉफी उठाने का मौका मिल गया। चेन्नई लगातार दो सीजन में खिताब जीतने वाली पहली टीम बन गई।

2012: चेन्नई पांच सीजन में चौथी बार फाइनल में पहुंच गई। इस बार उसका मुकाबला गौतम गंभीर की कप्तानी वाली कोलकाता नाइटराइडर्स से हुआ। धोनी ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी। चेन्नई ने 20 ओवर में तीन विकेट पर 190 रन बनाए। सुरेश रैना ने 43, माइकल हसी ने 54 और मुरली विजय ने 42 रन बनाए। कोलकाता ने आखिरी ओवर तक चले मैच को अपने नाम कर लिया। मनविंदर बिस्ला ने 89 और जैक्स कालिस ने 69 रन बनाकर कोलकाता को जीत दिला दी। कोलकाता पहली बार चैंपियन बना। चेन्नई को फाइनल में दूसरी बार हार का सामना करना पड़ा।

2013: चेन्नई की टीम पांचवीं बार फाइनल खेलने उतरी। वह लगातार चौथे सीजन में खिताबी मुकाबले तक पहुंची। इस बार मुंबई इंडियंस से उसका सामना हुआ। रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी। मुंबई ने 20 ओवर में नौ विकेट पर 148 रन बनाए। कीरोन पोलार्ड ने सबसे ज्यादा नाबाद 60 रन बनाए। ड्वेन ब्रावो ने चार विकेट लिए। आसान लक्ष्य को देखकर ऐसा लगा कि चेन्नई की टीम तीसरी बार चैंपियन बन जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वह 20 ओवर में नौ विकेट पर 125 रन ही बना सकी। महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 63 रन बनाए, लेकिन वह टीम को जीत नहीं दिला पाए। मुंबई पहली बार चैंपियन बनी और चेन्नई ने तीसरा फाइनल गंवाया।

2015: चेन्नई छठी बार फाइनल में पहुंची। इस बार उसके सामने मुंबई इंडियंस की टीम थी। दोनों के बीच 2013 में फाइनल हो चुका था। तब मुंबई ने जीत हासिल की। इस बार चेन्नई के पास हिसाब चुकता करने का मौका था। धोनी ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। मुंबई ने 20 ओवर में पांच विकेट पर 202 रन बनाए। लेंडल सिमंस ने 68 और रोहित शर्मा ने 50 रन बनाए। पोलार्ड और अंबाती रायुडू ने 36-36 रन बनाए। जवाब में चेन्नई की टीम 20 ओवर में आठ विकेट पर 161 रन ही बना सकी। ड्वेन स्मिथ ने 57 रन बनाए, लेकिन टीम को चौथी बार फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।

2018: दो साल के प्रतिबंध के बाद वापस लौटी चेन्नई ने सातवीं बार आईपीएल के फाइनल में जगह बनाई। इस बार सनराइजर्स हैदराबाद से मुकाबला था। धोनी ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। सनराइजर्स ने 20 ओवर में छह विकेट पर 178 रन बनाए। जवाब में चेन्नई ने शेन वॉटसन के धमाकेदार शतक की बदौलत 18.3 ओवर में दो विकेट पर 181 रन बनाकर फाइनल को जीत लिया। चेन्नई की टीम तीसरी बार चैंपियन बन गई। वॉटसन ने 57 गेंद पर 117 रन बनाए।

2019: चेन्नई को आठवीं बार फाइनल खेलने का मौका मिला। इस बार उसके सामने मुंबई की टीम थी। मुंबई उसे दो बार फाइनल हरा चुका था। इस बार रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। मुंबई ने 20 ओवर में आठ विकेट पर 149 रन बनाए। चेन्नई को एक बार फिर वॉटसन चैंपियन बनाने के करीब पहुंच गए। उन्होंने 59 गेंद पर 80 रन बनाए, लेकिन टीम लक्ष्य से एक रन दूर रह गई। मलिंगा की आखिरी गेंद पर चेन्नई को दो रन बनाने थे, लेकिन शार्दुल ठाकुर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। मुंबई एक रन से फाइनल जीत गई।

2021: चेन्नई नौवीं बार जब फाइनल खेलने उतरी तो इस बार उसके सामने कोलकाता नाइटराइडर्स थी। कोलकाता के कप्तान इयॉन मॉर्गन ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। चेन्नई ने 20 ओवर में तीन विकेट पर 192 रन बनाए। फाफ डुप्लेसिस ने 86 रन बनाए। जवाब में कोलकाता की टीम 20 ओवर में नौ विकेट पर 165 रन ही बना सकी। शुभमन गिल ने 51 और वेंकटेश अय्यर ने 50 रन बनाए। चेन्नई की टीम चौथी बार चैंपियन बन गई।

 

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